हदीसों की स्वतंत्र व्याख्या
हदीस की व्याख्या (तशरीह) में आम तरीका है कि हर हदीस को स्वतंत्र रूप से समझा जाता है भले ही खबर के अलग-अलग संस्करण हों जिनमें अलग बाते बयान हो रही हों। इसका नतीजा यह निकलता है कि वह पूरी तस्वीर सामने नहीं आ पाती जिसके बारे में हुक्म दिया गया था और अधूरी जानकारी…