Economic Issues आर्थिक मुद्दे ग़लतफहमियां

क्या इस्लाम एक आर्थिक व्यवस्था भी देता है ?

ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि इस्लाम हमें एक पूरी आर्थिक व्यवस्था (economic system) देता है और ज़रूरत सिर्फ अनुकूल हालात में उसे लागू करने की है। यह धारणा (तसव्वुर) सही नहीं है। इस बात को समझना चाहिए कि अल्लाह ने इंसान को अक्ल और तर्क से नवाज़ा है और इसके साथ ही अच्छाई और बुराई में फ़र्क करने…

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क्या सभी गैर-मुस्लिम नरक में जायेंगे ?

यह आम धारणा (तसव्वुर) है कि सारे गैर-मुसलमानों का नरक में जाना तय है। कुरआन की कुछ आयात को इस बात का आधार बनाया जाता है, जैसे की निम्नलिखित आयत: إِنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا مِنْ أَهْلِ الْكِتَابِ وَالْمُشْرِكِينَ فِي نَارِ جَهَنَّمَ خَالِدِينَ فِيهَا ۚ أُولَٰئِكَ هُمْ شَرُّ الْبَرِيَّة   ٩٨: ٦  अहले किताब (यहूदी और ईसाई) और मुशरिकीन…

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मुसलमानों और गैर-मुस्लिमों के बीच विरासत का कोई संबंध नहीं ?

निम्नलिखित हदीस की बुनियाद पर कुछ विद्वानों (आलिमों) का मानना है कि मुसलमानों और गैर-मुसलमानों में विरासत का कोई संबंध नहीं हो सकता:[1] उसामा इब्न ज़ैद से रवायत हैं कि रसूलअल्लाह (स.व) ने फरमाया: “एक मुसलमान किसी काफ़िर का वारिस नहीं हो सकता और ना ही कोई काफ़िर किसी मुसलमान का वारिस हो सकता है।”[2] आज…

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गैर-मुस्लिमों के लिए दुआ करना

मुसलमानों में आम ख्याल है कि कुरआन की निम्नलिखित आयत ने इस बात से रोक दिया है कि गैर-मुस्लिमों के लिए क्षमा (मग़फिरत) की दुआ की जाये: مَا كَانَ لِلنَّبِيِّ وَالَّذِينَ آمَنُوا أَن يَسْتَغْفِرُوا لِلْمُشْرِكِينَ وَلَوْ كَانُوا أُولِي قُرْبَىٰ مِن بَعْدِ مَا تَبَيَّنَ لَهُمْ أَنَّهُمْ أَصْحَابُ الْجَحِيمِ  ٩: ١١٣    नबी और उसके मानने वालों के…

ग़लतफहमियां निकाह और तलाक़ महिलाओं से संबंधित सामाजिक मुद्दे

पति की इजाज़त के बिना बाहर जाना

लेखक: शेहज़ाद सलीम अनुवाद: मुहम्मद असजद मज़हबी हलकों में यह माना जाता है कि एक पत्नी को घर से बाहर जाने के लिए पति की इजाज़त लेना ज़रूरी है। इस मामले में एक हदीस का हवाला दिया जाता है, जो कि इस प्रकार है: इब्न उमर (रज़ि.) से रवायत हैं कि एक बार एक महिला रसूलअल्लाह…

ग़लतफहमियां निकाह और तलाक़ महिलाओं से संबंधित सवाल-ओ-जवाब सामाजिक मुद्दे

पत्नी का हमबिस्तरी से इंकार करना

लेखक: शेहज़ाद सलीम अनुवाद: मुहम्मद असजद निम्नलिखित हदीस की बुनियाद पर, आमतौर पर यह समझा जाता है कि अगर पत्नी पति से हमबिस्तर होने के लिए मना कर दे तो फ़रिश्ते उसे धिक्कारते हैं। अबू हुरैरा (रज़ि.) से रवायत हैं कि रसूलअल्लाह (स.व) ने फरमाया: “जब पति अपनी पत्नी को हमबिस्तरी के लिए कहे और वह…

ग़लतफहमियां निकाह और तलाक़ महिलाओं से संबंधित सवाल-ओ-जवाब सामाजिक मुद्दे

पत्नी पर हाथ उठाने का अधिकार

कुरआन ने कुछ खास परिस्थितियों (हालात) में पति को अधिकार दिया है कि वह पत्नी को शारीरिक दंड दे सकता है और यह मामला एक बड़ी बहस का मुद्दा बन चुका है। इस पूरे मामले को इसके सही स्वरूप में समझना ज़रूरी है। कुरआन कहता है: وَاللَّاتِي تَخَافُونَ نُشُوزَهُنَّ فَعِظُوهُنَّ وَاهْجُرُوهُنَّ فِي الْمَضَاجِعِ وَاضْرِبُوهُنَّ فَإِنْ…

निकाह और तलाक़

तलाक़ संबंधित मामले

ज़्यादातर लोग तलाक़ देने का सही तरीका नहीं जानते और आमतौर पर यह माना जाता है कि तीन बार तलाक़ बोल देने पर तलाक़ हो जाती है और पति-पत्नी का रिश्ता खत्म हो जाता है। यह धारणा कुरआन के विरुद्ध (खिलाफ) है। कुरआन में तलाक़ का तरीक़ा विस्तार से दिया गया है और वह इस…

निकाह और तलाक़

हलाला

यह कहा जा सकता है कि हलाला[1] की अवधारणा (तसव्वुर) इस्लामी न्यायशास्त्र (फ़िक्हा) का सबसे शर्मनाक मुद्दा है। शरीअत के अनुसार, अगर पति अपनी पत्नी को तीसरी बार तलाक़ दे देता है तो वह दोनों फिर से शादी नहीं कर सकते सिवाय इसके कि पत्नी किसी और से शादी कर ले और वहां से भी उसे तलाक़…