गैर-मुस्लिमों को ज़कात
कुछ लोगों का मानना है कि ज़कात किसी गैर-मुस्लिम को नहीं दी जा सकती। यह राय ठीक नहीं है। कुरआन की निम्नलिखित आयत बताती है कि ज़कात कहाँ-कहाँ खर्च की जा सकती है: إِنَّمَا الصَّدَقَاتُ لِلْفُقَرَاءِ وَالْمَسَاكِينِ وَالْعَامِلِينَ عَلَيْهَا وَالْمُؤَلَّفَةِ قُلُوبُهُمْ وَفِي الرِّقَابِ وَالْغَارِمِينَ وَفِي سَبِيلِ اللَّهِ وَابْنِ السَّبِيلِ فَرِيضَةً مِّنَ اللَّهِ وَاللَّهُ عَلِيمٌ حَكِيمٌ…