ग़ज़वा-ए-हिन्द की कमज़ोर और ग़लत रिवायात का जायज़ा
(Read the original article in Urdu: http://www.javedahmadghamidi.com/books/view/ghazwa-e-hind-ki-kamzor-aur-ghalat-riwayaat-ka-jaiza) लेखक: मुहम्मद फारूक खां अनुवाद: मुहम्मद असजद हमारे दीन की तालीमात (शिक्षाएँ) बिलकुल साफ़ और वाज़ेह हैं, क्योंकि उन की बुनियाद कुरआन मजीद और सहीह हदीसों[1] पर है। कुरआन मजीद के मामले में तो किसी शक (संदेह) की गुंजाइश नहीं है, लेकिन क्योंकि हदीसें एक इंसान से दूसरे इंसान…